Blog
Trending

पत्थलगड़ी मास्टरमाइंड बेलोसा बबीता कच्छप ने खूंटी लोकसभा सीट से दाखिल किया नामांकन, कही ये बात !

पत्थलगड़ी आंदोलन की नेता बेलोसा बबीता कच्छप ने खूंटी लोकसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर उन्होंने नॉमिनेशन किया है.

पत्थलगड़ी आंदोलन वाली बेलोसा बबीता कच्छप ने खूंटी लोकसभा सीट से अपना परचा दाखिल कर दिया है. बेलोसा बबीता कच्छप ने सोमवार (22 अप्रैल) को निर्वाची पदाधिकारी के कार्यालय में जाकर अपना नामांकन दाखिल किया.

बबीता कच्छप पतरा मैदान से रोड शो करते हुए समाहरणालय पहुंचीं

पत्थलगड़ी आंदोलन की नेता रहीं बबीता ने पतरा मैदान से रोड शो करते हुए समाहरणालय पहुंचीं. समाहरणालय गेट के पास उनके काफिले को रोका गया. इसके बाद प्रत्याशी बेलोसा बबीता कच्छप समेत 5 लोग निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में गए. वहां बबीता ने निर्वाचन पदाधिकारी को अपना नामांकन पत्र सौंपा.

भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं बेलोसा बबीता

बेलोसा बबीता कच्छप भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के टिकट पर लोकसभा का चुनाव खूंटी से लड़ रहीं हैं. खूंटी में ही पत्थलगड़ी आंदोलन हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में कई गांवों के लोगों ने अपने सारे सरकारी दस्तावेज जला दिए थे. सरकार के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया था.

बेलोसा बबीता कच्छप बोलीं- संविधान के तहत अधिकारों की मांग की

नामांकन दाखिल करने के बाद खूंटी में चर्चित पत्थलगड़ी आंदोलन की नेता से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी संविधान के खिलाफ बात नहीं की. संविधान के दायरे में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने की बात की. उन्होंने कहा कि सवाल उन लोगों से पूछा जाना चाहिए जिन्होंने 75 साल तक इस देश पर शासन किया. इस दौरान आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं मिले.

खूंटी में सरकारों ने अफीम की खेती रोकने की कोशिश नहीं की

बेलोसा बबीता कच्छप के मुद्दे क्या होंगे, इस सवाल के जवाब में पत्थलगड़ी आंदोलन की नेता ने कहा कि देश में अब तक की सरकारों ने खूंटी में अफीम की खेती को रोकने की कोशिश नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि कहीं न कहीं सरकार की मदद से ही अफीम की खेती होती रही. उन्होंने कहा कि अगर वहां के लोगों को लगता है कि पोस्ता की खेती से उनका भला हो सकता है, तो मैं मांग करूंगी कि इसके लिए सरकार लाइसेंस जारी करे.

मैंने कभी संविधान के खिलाफ बात नहीं की : बेलोसा बबीता कच्छप

बेलोसा बबीता कच्छप ने कहा कि उन्होंने कभी संविधान के खिलाफ बात नहीं की. हमेशा संविधान की बात की. जल, जंगल, जमीन की बात की. कहा कि हमारे समुदाय के लोगों को कुछ लोगों ने दिग्भ्रमित किया. हमारी अनुपस्थिति में कुछ असामाजिक तत्वों ने हमारे आंदोलन को बदनाम किया है. यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि मेरे चुनाव लड़ने से यह भी संभव है कि जो लोग लोकतंत्र से दूर हो गए हैं, एक बार फिर लोकतंत्र में विश्वास करने लगेंगे.

मेरे आने से पहले ही मेरी पार्टी का नाम मशहूर हो गया

बबीता ने कहा कि भारत आदिवासी पार्टी का नाम कम समय में काफी प्रसिद्ध हो गया है. मेरे आने से पहले ही पार्टी यहां पहुंच चुकी थी. जीत तो हासिल करेंगे ही, लोकसभा प्रत्याशी के रूप में हम गांव-गांव तक पहुंचेंगे. इसके लिए मीडिया, सोशल मीडिया और अपने कार्यकर्ताओं की मदद लेंगे.

आदिवासियों-मूलवासियों को अब तक सिर्फ इस्तेमाल किया गया

उन्होंने कहा कि आज तक आदिवासियों और मूलवासियों को सिर्फ इस्तेमाल किया गया. आदिवासियों-मूलवासियों के लिए जल-जंगल जमीन के ही मुद्दे पर चुनाव लड़ूंगी. स्थानीय नीति और नियोजन नीति पर भी काम करूंगी. जनता के मुद्दों को सुनूंगी और अब तक उनके जिन मुद्दों पर सुनवाई नहीं हुई है, उनका समाधान करने की कोशिश करूंगी.

रघुवर दास की सरकार ने कानून का उल्लंघन कर लैंड बैंक बनाया

बबीता कच्छप ने कहा कि मुंडा क्षेत्रों में रघुवर दास की सरकार ने लैंड बैंक बनाया था. यह एक अहम मुद्दा है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन करके सरकार ने लैंड बैंक के जरिए आदिवासियों की जमीन खरीदी. कई मुद्दे हैं, जो संवैधानिक रूप से गैरकानूनी हैं. उन मुद्दों को हम सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे और लोगों को न्यया दिलाएं. इन मुद्दों को खत्म करेंगे, क्योंकि अब तक की सरकारों ने इन मुद्दों को सिर्फ मुद्दा बनाकर रखा, ताकि आदिवासियों को वोट बैंक बनाकर रख सकें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!